गाना गाता फ़कीर और राजा
एक बार राजा के दरबार मै एक फ़कीर गाना गाने जाता है
फ़कीर बहुत अच्छा गाना गाता है।
राजा कहते हैं इसे खूब सारा सोना दे दो।
फ़कीर और अच्छा गाता है।
राजा कहते हैं इसे हीरे जवाहरात भी दे दो।
फकीर और अच्छा गाता है।राजा कहते हैं इसे असरफियाँ भी दे दो।
फ़कीर और अच्छा गाता है।राजा कहते हैं इसे खूब सारी ज़मीन भी दे दो।
फ़कीर गाना गा कर घर चला जाता है।
और अपने बीबी बच्चों से कहता है
आज हमारे राजा ने गाने का खूब सारा इनाम दिया।
हीरे जवाहरात सोना ज़मीन असरफियाँ बहुत कुछ दिया।
सब बहुत खुश होते हैं।
कुछ दिन बीते ; फ़कीर को अभी तक राजा द्वारा मिलने वाला इनाम नही पहुँचा था ।
फ़कीर राजा के दरवार में फिर पहुँचा और कहने लगा, "राजाजी आप के द्वारा दिया गया इनाम मुझे अभी तक नहीं मिला।"
राजा कहते हैं, "अरे फ़कीर, ये लेन देन की बात क्या करता है। तू मेरे कानों को खुश करता रहा और मैं तेरे कानों को खुश करता रहा।"
फ़कीर बहुत अच्छा गाना गाता है।
राजा कहते हैं इसे खूब सारा सोना दे दो।
फ़कीर और अच्छा गाता है।
राजा कहते हैं इसे हीरे जवाहरात भी दे दो।
फकीर और अच्छा गाता है।राजा कहते हैं इसे असरफियाँ भी दे दो।
फ़कीर और अच्छा गाता है।राजा कहते हैं इसे खूब सारी ज़मीन भी दे दो।
फ़कीर गाना गा कर घर चला जाता है।
और अपने बीबी बच्चों से कहता है
आज हमारे राजा ने गाने का खूब सारा इनाम दिया।
हीरे जवाहरात सोना ज़मीन असरफियाँ बहुत कुछ दिया।
सब बहुत खुश होते हैं।
कुछ दिन बीते ; फ़कीर को अभी तक राजा द्वारा मिलने वाला इनाम नही पहुँचा था ।
फ़कीर राजा के दरवार में फिर पहुँचा और कहने लगा, "राजाजी आप के द्वारा दिया गया इनाम मुझे अभी तक नहीं मिला।"
राजा कहते हैं, "अरे फ़कीर, ये लेन देन की बात क्या करता है। तू मेरे कानों को खुश करता रहा और मैं तेरे कानों को खुश करता रहा।"
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